दल्हा पहाड़, छत्तीसगढ़: प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक विशेषता

परिचय:

छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर-चांपा जिले में स्थित दल्हा पहाड़, एक ऐसा स्थान है जो प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व के साथ युक्त है। यह गाँव कासमांडा और दल्हापौड़ी से थोड़ी दूरी पर स्थित है और इसका तहसील अकलतरा है। इसे इसकी 800 मीटर की ऊँचाई और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।


1. प्राकृतिक सौंदर्य:

   दल्हा पहाड़ का सबसे बड़ा आकर्षण उसकी प्राकृतिक सौंदर्य है। इसकी चोटी से दिखने वाले नजारे बहुत ही आश्चर्यजनक हैं, खासकर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय। यहां की 800 मीटर की चढ़ाई एक साहसिक ट्रैकिंग अनुभव के लिए उपयुक्त है।


2. तालाब और धार्मिक महत्व:

   दल्हा पहाड़ के ऊपरी हिस्से में एक तालाब स्थित है, जिसमें नागपंचमी के समय जलग्रहण करने का महत्व है। इसके साथ ही, यहां एक गुफा भी है जो आध्यात्मिक अनुभव को और भी मजबूत बनाती है।


3. पूज्य धार्मिक स्थल:

   यह स्थान धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां बाबा गुरुघासी दास जी ने अपना अंतिम उपदेश दिया था। इसके आसपास कई मंदिर हैं, जैसे कि सूर्य मंदिर, महाशिवरात्रि के दिन भक्तों के बीच एक महत्वपूर्ण मेला होता है।


4. अनूठा नजारा:

   इस पहाड़ की निर्माण ज्वालामुखी से हुई है, और यह चूना पत्थर से बना है, जो इसका एक अनूठा आकर्षण बनाता है। यहां के मुनि आश्रम, श्री कृष्णा मंदिर, और नाग-नागिन मंदिर भी देखने लायक हैं।


5. कैसे पहुंचें:

   दल्हा पहाड़ पहुंचने के लिए रायपुर या बिलासपुर से जांजगीर चांपा तक ट्रेन या सड़क की सुविधा है। यहां पहुंचना आसान है, लेकिन चढ़ाई की वजह से यहां का प्राकृतिक सौंदर्य सीधे हाथों नहीं मिलेगा।

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